आवरण कथा

तन - मन चेतना भावातीत ध्यान - योग

‘ महर्षि प्रभाव जीवन की अधिक व्यवस्थित और सामंजस्यपूर्ण स्थिति की ओर एक चरण संक्रमण है, जिसे अपराध, हिंसा, दुर्घटनाओं और बीमारी में कमी और आर्थिक स्थितियों और अन्य समाजशास्त्रीय संकेतकों में सुधार के रूप में मापा जाता है। इस प्रभाव की खोज करने वाले वैज्ञानिकों ने इसका नाम परम पावन महर्षि महेश योगी के सम्मान में रखा, जिन्होंने 30 वर्ष पहले भविष्यवाणी की थी कि ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन कार्यक्रम में भाग लेने वाली जनसंख्या का मात्र एक छोटा-सा भाग पूरे समाज के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए पर्याप्त होगा। पिछले 16 वर्षों के समय, समाज के इस परिवर्तन को वैज्ञानिक रूप से प्रलेखित किया गया है, पहले शहर के स्तर पर, फिर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर और सबसे हाल ही में वैश्विक स्तर परवै श्विक महर्षि प्रभाव। ’’

तन - मन चेतना भावातीत ध्यान - योग

संस्कृत का एक वाक्य है- 'योग: कर्मसु कौशलम्।' अर्थात् योग से कर्म में कुशलता आती है। स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए देश के कुछ प्रमुख योग गुरु स्वयं कौन-से योग प्रतिदिन करते हैं? साथ ही बच्चों में मोटापा रोकने और उनमें एकाग्रता का स्तर बढ़ाने के लिए कौन-सी आसन योग क्रियाएँ की जा सकती हैं- 5 विशेष योगासन, जो देश के 3 बड़े योग गुरु स्वयं को फिट रखने के लिए करते हैं।
हनुमानासन: (पूरे शरीर को लचीला बनाता है)- बाएँ घुटने के बल बैठे जाएँ। धीरे-धीरे दाएँ पंजे को आगे बढ़ाएँ। दाएँ पंजे को आगे की ओर और बाएँ पंजे को पीछे की ओर ले जाते हुए बिना जोर लगाए पैरों को सीधा करने का प्रयास करें। आँखें बंद कर लें। शरीर को आराम दें और हाथों को जोड़ते हुए पीछे की ओर ले जाएँ। आप हाथ ऊपर की ओर भी ले जा सकते हैं। धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में आएँ। क्षमता के अनुसार दोनों पैरों पर बारी-बारी से करें।
लाभ: यह आसन पैरों सहित पूरे शरीर को लचीला बनाता है। उनमें रक्त संचार बढ़ाता है। पेट के अंगों की मालिश करता है।


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