अनुक्रमणिका
पृष्ठ क्र. 6
महर्षि जी ने हजारों भावातीत ध्यान के केन्द्र स्थापित किये, लाखों व्यक्तियों को ध्यान और पतंजलि योग सूत्रों पर आधारित सिद्धि कार्यक्रम का प्रशिक्षण दिया। निष्काम कर्मयोग और ''योगस्थ: कुरू कर्माणि'' का प्रयोग प्रथम बार किसी ने सम्पूर्ण विश्व को प्रायोगिक रूप में दिया।...
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पृष्ठ क्र. 8
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शिक्षकों की समयबद्ध प्रोन्नति की व्यवस्था कर दी है और कहने के लिए पुस्तकें/ शोध आलेख प्रकाशन जैसी कुछ शर्तें भी लगा दी हैं, पर शायद ही कोई विश्वविद्यालय किसी अध्यापक की प्रोन्नति रोकता है। संभवत: यही कारण है कि विश्वविद्यालय में घुसते ही अध्यापक पढ़ने-लिखने से अपना रिश्ता समाप्त कर लेता है।
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पृष्ठ क्र. 10
स्वयं को समझने और पहचानने के लिए आत्म-निरीक्षण अत्यावश्यक है। व्यक्ति स्वयं के दोषों को भी गुण मानकर संतुष्ट होता है और अपने गुणों का बखान तो वह दूसरों के सामने बढ़ा- चढ़ा कर करता ही है। इस कारण वह स्वयं के आत्म-निरीक्षण में असफल हो जाता है किन्तु दूसरों दूसरे में दोष ढूंढने की उसकी छिद्रान्वेषी प्रवत्ति दूसरे के गुणों को भी दोष के समान देखने लगती है।
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पृष्ठ क्र. 12
अपने विश्वास की शक्ति को समझने के लिए धार्मिक होना आवश्यक नहीं है। विज्ञान कहता है कि किसी चीज में विश्वास मानसिक और भावनात्मक सेहत के लिए बहुत प्रभावशाली ढंग से कार्य करता है। शोध बताते हैं कि आध्यात्मिक रूप से स्थिर लोग कम तनाव अनुभव करते हैं। यह मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।...
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पृष्ठ क्र. 44
हर माता-पिता यही चाहते हैं कि उनके बच्चे बड़े होकर सफल बनें और जीवन में नई-नई ऊँचाइयां प्राप्त करें। इसके लिए पैरेंट्स क्या नहीं करते, बच्चों को अच्छे से अच्छे स्कूल में प्रवेश दिलाते हैं, ट्यूशन लगवाते हैं और नई-नई एक्टिविटीज और कलाएं सिखाने भी भेजते हैं। किंतु व्यक्ति को सफल उसकी आदतें बनाती हैं।...
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