अनुक्रमणिका
पृष्ठ क्र. 6

प्रकृति में एक स्तर है जिसे हम जानते हैं, वह स्तर जो प्राकृतिक विधानों का पूर्णतया अजेय स्तर है एवं यह हमारे अधिकार क्षेत्र में है। यह प्राकृतिक विधानों का वह स्तर है जिसे आधुनिक विज्ञान प्रकृति के समस्त नियमों का एकीकृत क्षेत्र- समत्व योग का क्षेत्र कहता है एवं प्राकृतिक विधान के इसी स्तर को हमारा वैदिक विज्ञान ऋषि, देवता एवं छन्द की संहिता कहता है।...
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पृष्ठ क्र. 8

यह चिंता का विषय है कि भारत में एक हजार से अधिक विश्वविद्यालय तथा लगभग पचास हजार महाविद्यालय होते हुए भी लाखों की संख्या में विद्यार्थी विश्व के अनेक देशों में उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में अध्ययन हेतु जाने वाले विद्यार्थी मात्र अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया आदि विकसित कहे जाने वाले राष्ट्रों में ही नहीं जाते अपितु भारत की अपेक्षा कम विकसित और विकासशील देशों में भी प्रवेश लेने जाते हैं।...
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पृष्ठ क्र. 10

मार्क्सवादी इतिहासकारों ने तो इतिहास लेखन में भी साक्ष्य की अनदेखी करके एजेंडा को प्राथमिकता दी। इसी पुस्तक में सतीश चंद्रा खानवा युद्ध के बारे में लिखते हैं कि राणा सांगा की वीरता की कहानियाँ सुनकर बाबर के सैनिकों का मनोबल गिरा हुआ था। सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए बाबर ने राणा सांगा के विरुद्ध युद्ध को जेहाद घोषित किया।...
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पृष्ठ क्र. 12

आज मैं न मात्र अपने लिए, बल्कि प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए खुलकर जीती हूँ, जिसने मुझे जीवन में कुछ सिखाया है। जीवन अप्रत्याशित मोड़ कभी भी ले सकता है और कुछ भी ऐसा हो सकता है, जिसकी हमने कभी कल्पना भी न की हो। किंतु हमें फिर भी आगे बढ़ना होता है। हो सकता है आपके लिए यह इतना आसान न हो।
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पृष्ठ क्र. 44

बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखना ही उत्तम होता है। कई बार केवल चमक-दमक की दुनिया के कारण माता-पिता बच्चों को सोशल मीडिया पर ले आते हैं। ऐसे कुछ मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें बच्चों को मॉडल बनाने के चक्कर में माता-पिता से लाखों की ठगी की गई है। अगर बच्चा सोशल मीडिया पर है, तो भी आपको उससे जुड़ना आवश्यक है।...
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